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Friday 26 June 2020

किशोरावस्था का आरंभिक चरण



       "भाई तुझे पता है! कुछ दिन पहले की ही ख़बर है। कोटा में नौवीं कक्षा  के एक छात्र ने पबजी के चक्कर में सुसाइड कर ली।"
भानु मूवी के बीच में माधव को टोकते हुए कहता है। 


"यार तुझे घर पर ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। मेरी माँ हिटलर है।"
माधव हड़बड़ाते हुए भानु को चुप्पी साधने की हिदायत देता है। 

"भाई उसके पापा आर्मी में थे।"
भानु ने मायूसी से मुँह बनाते हुए कहा। 

"मुझे पता है यार, मैंने उसी दिन देख ली थी यह न्यूज़ ...तुझे प्रॉब्लम है तो भाई दिल्ली चला जा, सरकार इलाज भी कर रही है।"
माधव बार-बार भानु का मुँह बंद करने का प्रयास कर रहा था। 

"भाई लास्ट क्वेश्चन, क्या फोन को खिलौना बनाना ठीक है जिओ  को फ्री ही क्यों किया ?"
भानु माधव के ओर पास खिसकता है,ठुड्डी के हाथ लगाए एक टक माधव को घूरता है,अपने प्रतिउत्तर की प्रतीक्षा में। 

"यह प्रश्न मोदी जी और अम्बानी से कर ना यार, यहाँ मत कर मेरी माँ मुझे गेम छोड़ मूवी भी नहीं देखने देगीं।"
माधव सोफ़े से उठता हुआ भानु पर झुँझलाता है। 

"भाई सुन ना...।" 
भानु सभी प्रश्न एक ही सांस में गटक जाता है। 

राधिका रुम से सटी बालकनी में गमले की मिट्टी ठीक कर रही थी। 
अचानक उसके हाथ वहीं रुक जाते  हैं। 

-अनीता सैनी 'दीप्ति'

सीक्रेट फ़ाइल

         प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका 'लघुकथा डॉट कॉम' में मेरी लघुकथा 'सीक्रेट फ़ाइल' प्रकाशित हुई है। पत्रिका के संपादक-मंड...