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Monday 22 March 2021

दर्पण

                               दर्पण /अनीता सैनी 'दीप्ति'

 

                               ”टहलने निकली हो बहना?” 

 प्रगति के लड़खड़ाते क़दम देख मंदी ने उसकी आँखों में आँखें डालते हुए कहा। मंदी के दौर में प्रगति का टहलना उसे फूटी आँख न सुहाया। प्रगति सूखी नदी के समान थी उस नदी को निचोड़ने पर काया पर पड़े निशाना मंदी थी।

”नहीं! गलियों में प्रगति की महक फैलाने निकली हूँ।” प्रगति का तंज़ भरा स्वर हवा में गूँजा।

तंज़ से अनभिज्ञ मंदी ने चश्मा नाक पर सटाया। होंठों पर आई पपड़ी पर जीभ घुमाई और देखा! सूरज,चाँद,तारे और पृथ्वी सब एक जगह ठहरे हैं बस चल रही थी तो मंदी।

”नित नई नीतियों ने निबाला छीन लिया! मरे को मारने की ठानी है?” बैंच के पास ही दाना चुगने आए बेरोज़गार कबूतरों की गुटर-गूँ मंदी के कानों से टकराई।

”हाय! जहाँ देखो वहीं मेरे ही चर्चे!!  कमर ही तो तोड़ी है; मार थोड़ी डाला।” स्वयं के चर्चे पर मुग्ध हुई मंदी अपनी बलाएँ लेने लगी। बैंच के इस कोने से उस कॉर्नर तक खिसकते हुए एक हाथ से छड़ी दूसरे में अख़बार उठाया।  

लॉक डाऊन के दौरान भारी मंदी की मार। साथ ही बिलायती बबूल की पूँजी छत्तीस प्रतिशत बढ़ी।मुख-पृष्ठ की पंक्तियाँ देख मंदी बिफर उठी।

 "भाई! ज़माना तो देखो! कैसा आया है?कमर तोड़ी मैंने सुर्ख़ियाँ बटोरे कोई और…कलयुग है। घोर कलयुग।" कहते हुए मंदी वहीं पसर गई।

Monday 8 March 2021

दृष्टिकोण

 


       ममा इसके चेहरे पर स्माइल क्यों नहीं है?” वैभवी ने बेचैन मन से अपनी मम्मी से कहा।

”बनाने वाले ने इसे ऐसा ही बनाया है।” वैभवी की मम्मी ने उससे कहती है। 

”उसने इसे ऐसा क्यों बनाया?”  पेंटिग देखते हुए वैभवी और व्याकुल हो गई।

”यह तो बनाने वाला ही जाने, उसकी पेंटिंग है।” वैभवी की मम्मी ने बहलाते हुए कहा।

”पेंटर को दोनों लड़कियों के चेहरों पर स्माइल बनानी चाहिए थी ना?”

वह एकाग्रचित्त होकर और बारीकी से पेंटिंग को देखने लगी।

”पेंटर जब मिलेगा तब कहूँगी, इसके चेहरे पर भी स्माइल बनाए।” उसकी मम्मी ने झुँझलाकर कहा।

”आपको तो कुछ नहीं पता ममा! इस लड़की की शादी बचपन में हुई थी। 

ऐसी लड़कियाँ कभी स्माइल नहीं करती।"

यह सुनकर वैभवी की माँ अपनी लाड़ली का चेहरा विस्फारित नज़रों से निहारती रह गई!
 
@अनीता सैनी 'दीप्ति'

सीक्रेट फ़ाइल

         प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका 'लघुकथा डॉट कॉम' में मेरी लघुकथा 'सीक्रेट फ़ाइल' प्रकाशित हुई है। पत्रिका के संपादक-मंड...