tag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post5785057784992817568..comments2023-09-25T18:15:11.218+05:30Comments on अवदत् अनीता : ठूँठअनीता सैनी http://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-54915988043032981882022-09-18T16:28:41.368+05:302022-09-18T16:28:41.368+05:30सुन्दर चित्रण।सुन्दर चित्रण।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-55226656573736439562022-08-20T23:09:41.456+05:302022-08-20T23:09:41.456+05:30स्त्री विमर्श का सुंदर चित्रण ।स्त्री विमर्श का सुंदर चित्रण ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-26672254264385872672022-08-18T10:02:39.481+05:302022-08-18T10:02:39.481+05:30गहन भाव लिए बहुत सुंदर लघुकथा।गहन भाव लिए बहुत सुंदर लघुकथा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-71565348193162396982022-08-17T23:20:23.461+05:302022-08-17T23:20:23.461+05:30गृहस्थी के प्रेम में उलझी औरतें सचमुच एक ही तरफ इत...गृहस्थी के प्रेम में उलझी औरतें सचमुच एक ही तरफ इतनी उलझ जाती है कि उस एक प्रतिबद्धता में वो किसी एक को या कुछ को मासूमियत से उपेक्षित करती जाती हैं ।<br />और एक ऐसा समय आता है कि उसी उपेक्षित पात्र की उसे कमी महसूस होती है या फिर याद आता है अपने द्वारा की गई अनदेखी।<br />पर तब तक समय बीत चुका होता है।<br />गहन भाव लिए हृदय स्पर्शी लघु कथा।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-1899670923534899832022-08-17T11:38:40.069+05:302022-08-17T11:38:40.069+05:30स्पष्ट शब्द अशिष्टता की श्रेणी में कब खड़े कर दिए ज...स्पष्ट शब्द अशिष्टता की श्रेणी में कब खड़े कर दिए जाते हैं ।<br />बहुत सटीक आजकल चापलूसों का जमाना है स्पष्टवादी फूहड़ कहलाता है और रिश्तों को निबाहते हुए भी तन्हा जीता है ।<br />बहुत सुन्दर सार्थक लघुकथा ।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-31087158856591290542022-08-17T11:26:48.445+05:302022-08-17T11:26:48.445+05:30प्रभावशाली लेखन प्रभावशाली लेखन Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-55162254748370762772022-08-17T11:24:39.447+05:302022-08-17T11:24:39.447+05:30बहुत ही सुन्दर सार्थक लघुकथा सखीबहुत ही सुन्दर सार्थक लघुकथा सखीAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-8032947257623043872022-08-17T10:42:32.727+05:302022-08-17T10:42:32.727+05:30बहुत से प्रश्न उठ खड़े होते हैं, मुझे लघुकथाओं में...बहुत से प्रश्न उठ खड़े होते हैं, मुझे लघुकथाओं में एक लंबी कहानी के बीज दिखाई देते हैं। Mukharhttps://www.blogger.com/profile/04525949127782739699noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-52838501962991430372022-08-17T09:20:28.574+05:302022-08-17T09:20:28.574+05:30वाह! अनीता,सुंदर भावो से सजी लघुकथा । सच ही कहा आ...वाह! अनीता,सुंदर भावो से सजी लघुकथा । सच ही कहा आपने ताउम्र समझौता ही करती है ...स्वयं का अस्तित्व कहाँ रह जाता है फिर व<br /><br /><br />शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-44785899383494651382022-08-16T20:37:37.295+05:302022-08-16T20:37:37.295+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्...सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलबुधवार (17-8-22} को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ " rel="nofollow"> "मेरा वतन" (चर्चा अंक-4524) </a> पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी। <br />------------<br />कामिनी सिन्हा <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-9590590125416025492022-08-15T23:14:35.278+05:302022-08-15T23:14:35.278+05:30“गृहस्थी में उलझी औरते प्रेम में पड़ी औरतों-सी होती...“गृहस्थी में उलझी औरते प्रेम में पड़ी औरतों-सी होती हैं। गृहस्थी की फ़िक्र बहुत सताती है उन्हें।”<br />गृहस्थ जीवन की आपाधापी को सजीव करती मर्मस्पर्शी लघुकथा ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-5872505277964625872022-08-15T19:28:20.728+05:302022-08-15T19:28:20.728+05:30सादर नमस्कार दी।
आपने ठीक कहा एक पीढ़ी पहले की औरतो...सादर नमस्कार दी।<br />आपने ठीक कहा एक पीढ़ी पहले की औरतों को देख भाव उपजे जिनकी पीड़ा मेरे लिए असहनीय थी। समय के भंवर में उलझा एक बिम्ब हृदय पर उभर आया।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4810328969987679043.post-80212375037457108582022-08-15T18:29:38.092+05:302022-08-15T18:29:38.092+05:30यह रिश्तों की उलझन भरी लघु कथा लग रही है । एक कि ब...यह रिश्तों की उलझन भरी लघु कथा लग रही है । एक कि बेवफाई दूसरे का आत्म सम्मान लेकिन वक़्त की मार के साथ ज़रूरतें बदल जाती हैं ।इंसान का रुख ज़िन्दगी में समझौतों पर आ टिकता है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com