अनीता सैनी
नमस्ते, आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 14 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर आभार आदरणीय सर पाँच लिंकों पर स्थान देने हेतु. सादर
ओह बेहद मार्मिक लिखा अनु।आत्मघाती परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी कारणों का अन्वेषण और मंथन का संदेश देती लघुकथा।
सादर आभार श्वेता दीदी मनोबल बढ़ाती समीक्षा हेतु. सादर
मार्मिक
सादर आभार आदरणीय सर मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु. सादर
बहुत ही हृदयस्पर्शी सृजन सखी ।
सादर आभार आदरणीय दीदी मनोबल बढ़ाती समीक्षा हेतु. सादर
अवसाद कोरोना से भी घातक बीमारी है। अवसाद से बचाएँ अपने को भी, अपनों को भी। यही महत्त्वपूर्ण संदेश देती हृदयस्पर्शी रचना।
सादर आभार आदरणीय मीना दीदी मनोबल बढ़ाती सुंदर समीक्षा हेतु. सादर
ओह ! हृदयविदारक कथा ! वर्तमान का कटु यथार्थ !" कैसे होगा सब ठीक "! यक्ष प्रश्न हो चुका है अब !
सादर आभार आदरणीय दीदी मनोबल बढ़ाती सुंदर समीक्षा हेतु. सादर
”लगता है सैर पर निकले हो?” कहते हुए, मंदी का चश्मा फिसलकर नाक पर आ गया । मोटी-मोटी आँखों से दूध और ब्रेडवा...
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 14 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सादर आभार आदरणीय सर पाँच लिंकों पर स्थान देने हेतु.
Deleteसादर
ओह बेहद मार्मिक लिखा अनु।
ReplyDeleteआत्मघाती परिस्थितियों के लिए उत्तरदायी कारणों का अन्वेषण और मंथन का संदेश देती लघुकथा।
सादर आभार श्वेता दीदी मनोबल बढ़ाती समीक्षा हेतु.
Deleteसादर
मार्मिक
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय सर मनोबल बढ़ाती प्रतिक्रिया हेतु.
Deleteसादर
बहुत ही हृदयस्पर्शी सृजन सखी ।
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय दीदी मनोबल बढ़ाती समीक्षा हेतु.
Deleteसादर
अवसाद कोरोना से भी घातक बीमारी है। अवसाद से बचाएँ अपने को भी, अपनों को भी। यही महत्त्वपूर्ण संदेश देती हृदयस्पर्शी रचना।
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय मीना दीदी मनोबल बढ़ाती सुंदर समीक्षा हेतु.
Deleteसादर
ओह ! हृदयविदारक कथा ! वर्तमान का कटु यथार्थ !" कैसे होगा सब ठीक "! यक्ष प्रश्न हो चुका है अब !
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय दीदी मनोबल बढ़ाती सुंदर समीक्षा हेतु.
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